इन जात-पात के लम्पट ठेकेदारों ने इन सब विश्वप्रसिद्द संस्थानों की महान वैज्ञानिक परंपरा का स्तर मिटटी में मिलाकर अपने घटिया किस्म की हथकंडे, तिकड़मबाज़ी और चालबाजी से इन्हें अपनी दक्षिणा का अड्डा बनाकर छोड़ दिया है. इस
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इन जात-पात के लम्पट ठेकेदारों ने इन सब विश्वप्रसिद्द संस्थानों की महान वैज्ञानिक परंपरा का स्तर मिटटी में मिलाकर अपने घटिया किस्म की हथकंडे, तिकड़मबाज़ी और चालबाजी से इन्हें अपनी दक्षिणा का अड्डा बनाकर छोड़ दिया है. इस
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कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व उनकी नीतियों की निंदा कर उन्हें कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करना, कभी गुजरात दंगों की निंदा करना और फिर भाजपा की ही शरण में जाकर राज्यसभा का सदस्य बन जाना, यदि उनकी इस तिकड़मबाज़ी के विस्तार में जाने की कोशिश पत्रकार करे तो उसे भी ज़लील करना.
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यानी एक-एक तकनीकी नुक्ते-नुक्ते तक के नुक्ते क़ो उठाकर विरोधी को कोने में धकेलने की कोशिश में ग़लतबयानी तक करने की हदों तक पहुँच जाना और मतभेद के मूल मुद्दों को स्पष्ट करने से बचना या उन पर लीपापोती करना तथा जिन तर्कों का उत्तर न हो उन्हें किनारे धकेलकर नयी-नयी बातें करने लग जाना-यह तिकड़मबाज़ी है।
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कुल मिलाकर यह बात तो स्वीकार की जा सकती है कि नरेंद्र मोदी ने अपनी तिकड़मबाज़ी, अपनी हिंदुत्ववादी शैली तथा अल्पसं यक विरोधी छवि की बदौलत गुजरात में हिंदू मतों का अपने पक्ष में जिस प्रकार ध्रुवीकरण किया है उसे देखकर यह माना जा सकता है कि नरेंद्र मोदी को गाँधी नगर से हिलाना निश्चित रूप से फिलहाल तो बहुत मुश्किल है।
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पंकज राग नें भी इस बारे में अपनी किताब ' धुनों की यात्रा ' में लिखा था-” फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों पर शंकर-जयकिशन के कुछ जायज़ और कुछ नाजायज़ तरीके के वर्चस्व को उनसे बढ़कर नाजायज़ी से तोड़ना और ' संगम ' को पछाड़ कर ' दोस्ती ' के लिये तिकड़मबाज़ी से फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार प्राप्त करना सफलता के लिये इनके हदों को तोड़नेवाली महत्वाकांक्षा दर्शाता है।