क्या ये गीतांश उस काल में भावी गीत की दिशा का संकेत नहीं कर रहे हैं, यदि नवगीत ने इस दिशा में अपनी यात्रा को आगे बढ़ाते हुए माटी और पसीने से गीत का संबंध नहीं टूटने दिया है तो क्या इसीलिए वह तिरस्करणीय है।
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किसी भी कवि की सभी कविताएं स्तरीय नहीं होतीं, बड़े कवियों की कमजोर कविताओं की भी कमी नहीं है और निजबद्ध कच्ची भावुकता की प्रारम्भिक कविताएं भी तिरस्करणीय नहीं हैं, उनमें भी अनेक कविताएं अच्छी बन जाती हैं, लेकिन वे एक कवि की कविताई का प्रारम्भिक प्रस्थान हैं।
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किसी भी कवि की सभी कविताएं स्तरीय नहीं होतीं, बड़े कवियों की कमजोर कविताओं की भी कमी नहीं है और निजबद्ध कच्ची भावुकता की प्रारम्भिक कविताएं भी तिरस्करणीय नहीं हैं, उनमें भी अनेक कविताएं अच्छी बन जाती हैं, लेकिन वे एक कवि की कविताई का प्रारम्भिक प्रस्थान हैं।