जैसे अर्जुन को मछली की आँख में तीर मारना होता था तो उसे सिर्फ उस की आँख दिखती थी, बाकी सब कुछ दिखना बंद हो जाता था।
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किंतु जब पहली बार किसी उद्देश्य पूर्ति के लिए समय और स्थान तय करके ऑब्ज़र्व करने बैठा तो लगा कि आज कोई बहुत बड़ा तीर मारना है।
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जैसे अर्जुन को मछली की आँख में तीर मारना होता था तो उसे सिर्फ उस की आँख दिखती थी, बाकी सब कुछ दिखना बंद हो जाता था।
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तो आप सब तीर मारना जारी रखें. कितनी तीरों का धार कुंद होगा? “ कबहू त राम जनक पुर अईहें. ” पंडित आर. के. राय प्रयाग
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अब जेम्स लेन को कोई नया तीर मारना था सो महाराष्ट्र में देवतुल्य पूजनीय समझे जाने वाले शिवाजी महाराज के खिलाफ आग उगली ताकि बवाल हो और उसकी किताब धडल्ले से बिके।
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अब जेम्स लेन को कोई नया तीर मारना था सो महाराष्ट्र में देवतुल्य पूजनीय समझे जाने वाले शिवाजी महाराज के खिलाफ आग उगली ताकि बवाल हो और उसकी किताब धडल्ले से बिके।
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कोई अंधेरे में तीर मारना नहीं, बंद गलियाँ, भ्रामक साइटें नहीं हैं जो आपको इधर-उधर पुनर्निर्देशित करती हैं, और सबसे महत्वपूर्ण, अपने पूर्वज़ों के बारे में वेब पर खोज करते समय होने वाली कोई कुंठा नहीं है.
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2) घुमती हुइ मछली की आंख मे तीर मारना बहुत हि कठीन है चलो मान लिया की एक अच्छे निशाने बाज के लिये यह संभव है लेकीन एक मछ्ली की आंख मे पांच तीए मारना यह असंभव है क्योकी पहली बात एक साथ पांच तीर चला पाना भी संभव नही है और मछ्ली की आंख बहुत ही छोटी होती है ।।
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की इसमें हींग सोंठ मधु सब जवाहर जी संतोष जी और अशोक जी ने लगाया था और तड़का राज जी का-और ये की आप कवियों के क्षेत्र में हमारे राज भाई को आप ही घुसा दिए थे..क्यों हम लोग का दाना पानी....ह हा... बधाइयां...इन की तो अलग दुनिया है विलक्षण प्रतिभा के धनि हँसना हंसाना और तीर मारना दोनों में माहिर....
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बाबा राम देव जी का आन्दोलन १ जून से आरम्भ होने जा रहा है आम जनता की उम्मीद उनसे जुडी हुई है| कल दिन बापू मुरारी जी की बात बहुत सुन्दर लगी हम सभी को अपनी शक्ति पहचाननी होगी, हमें एक-दुसरे को जोड़ने के लिए सेतु का काम करना होगा, तीसरे इस भ्रष्टाचार की नाभि में तीर मारना होगा| यह काम बाबा के नेतृत्व में ही पूरा हो पायेगा|