पानी में आजादी है घडियालों और निहंगो को, जैसे चाहे पालें-पोसें अपनी तुंद उमंगो को ।
12.
देख के आहंगर की दुकां में तुंद हैं शोले, सुर्ख है आहन खुलने लगे कुफलों के दहाने फैला हर इक ज़ंजीर का दामन
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शाही को आजादी है, आजादी से परवाज करे, नन्ही-मुन्नी चिड़ियों पर जब चाहे मश्के-नाज करें।पानी में आजादी है घडियालों और निहंगो को, जैसे चाहे पालें-पोसें अपनी तुंद उमंगो को।
14.
दिल्ली में आप के लोगों को जो समर्थन मिल रहा है, उससे साफ़ हैं कि लोग बेईमानी का पैसा खा-खाकर तुंद फैलाने वाले इन भ्रष्ट नेताओं से जनता छुटकारा पाना चाहती है और विकल्प तलाश रही है।
15.
पंपोर में लगभग 10 से 15 किलोमीटर के क्षेत्र में केसर की खेती होती है, जबकि किश्तवाड़ के पुशाल, हिड़ियाल, तुंद, मत्ता, चिराड़ आदि गांवों की लगभग एक हजार कैनाल जमीन में केसर की खेती की जाती है।
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और देख के आहंगर की दुकां में तुंद हैं शोले, सुर्ख है आहन खुलने लगे कुफलों के दहाने फैला हर इक ज़ंजीर का दामन वाह, दिशा जी, पूजा जी, सुमित जी, अदा जी आप सब ने भी महफिल में खूब हाजिरी दी और बढ़िया रंग जमाया.
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(मीर) | (२) पूछकर अपनी निगाहों से बता दे मुझको, मेरी रातों के मुक़द्दर में सहर है कि नहीं? (साहिर) | (3) परीशां हो गए शीराज़ा-ए-औराक-ए-इस्लामी, चलेंगी तुंद बादे कुफ्र की यह आंधियां कब तक?
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122 122 122 122 ये दौरे मसर्रत ये तेवर तुम्हारे उभरने से पहले न डूबें सितारे सफ़ीने वहां डूबकर ही रहे हैं जहां हैसले नाखुदाओं ने हारे भंवर से लड़ो तुंद लहरों से उलझो कहां तक चलोगे किनारे-किनारे अजब चीज है ये मुहब्बत की बाजी जो हारे वो जीते जो जीते वो हारे
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तेरी आँखों का यह दर्पन अच्छा लगता है इसमें चेहरे का अपनापन अच्छा लगता है तुंद हवाओं तूफ़ानों से जी घबराता है हल्की बारिश का भीगापन अच्छा लगता है वैसे तो हर सूरत की ही अपनी सीरत है हमको तो बस तेरा भोलापन अच्छा लगता है पहले तो तन्हाई से हमको डर लगता था अब …
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(मीर) | पूछकर अपनी निगाहों से बता दे मुझको, मेरी रातों के मुक़द्दर में सहर है कि नहीं? (साहिर) | परीशां हो गए शीराज़ा-ए-औराक-ए-इस्लामी, चलेंगी तुंद बादे कुफ्र की यह आंधियां कब तक? (कैफी) | सौ में सत्तर आदमी फिलहाल जब नाशाद है, दिल पे रखके हाथ कहिये देश क्या आज़ाद है? (अदम गोंडवी) |