उस आदमी ने चिट्ठी मुल्ला से वापस ले ली और बहुत ग़ुस्से में घूरते हुए बोला, ‘ तुम्हें शर्म आनी चाहिए मुल्ला, ख़ास तौर से ये पगड़ी बांधने के लि ए. '
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वह रोया.-तुम यहाँ रहे थे करने के लिए आपको लेने के लिए मुझे खेलने के लिए जब आप पहले से ही इस कहानी के बारे में सब कुछ पता है! तुम्हें शर्म आनी चाहिए...
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धर्म और संस्कृति के पैरोकारों तुम्हें शर्म आनी चाहिए, तुम्हारे जैसे गंदे लोगों की वजह से ही आज हमारे देश का चरित्र और हालात इस स्तर तक नीचे गिर चुके हैं कि खुद को भारतीय कहलाने में भी शर्म महसूस होती है.
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बयान में कहा गया है कि हम आतंकवादियों के समर्थक, तुर्की, सऊदी अरब और कतर से लेकर अमेरिका और इस्राइल तक यह बता देना चाहते हैं कि तुम्हें शर्म आनी चाहिए क्योंकि तुम जिसका समर्थन कर रहे हैं, उन्होंने वह अमानवीय और ग़ैरइंसानी काम अंजाम दिया है जो किसी तरह भी इंसानियत के अनुकूल नहीं है।
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कलंक के नाम पर मेरी साधुवत्ता को ललकारने में तुम्हें शर्म आनी चाहिए ; क्योंकि मेरी साँसों में, मेरे शरीर के हर अणु में विषबुझी हवाओं ने ज़िन्दगी पायी है-स्वप्न की सुन्दरता और यथार्थ की कड़वाहट को एक साथ ग्रहण कर मैं नीलकंठ बन गया हूँ! रेत के संबंधों को संबोधन देने की कोशिश में मैं खुद संबोधनहीन हो गया हूँ!