इस नमस्कार मंत्र का उच्चारण करते हुए शनिदेव का तैलाभिषेक करें (तेल चढ़ाएं) व कुमकुम से तिलक करें।
12.
सरसों के तेल में मौली से बनी बत्ती का दीया जलाएं एवं श्री शनि मंदिर में श्री शनिदेव का तैलाभिषेक करें।
13.
व्रत के दौरान जातक काला वस्त्रा धारण करें श्री शनिदेव का तैलाभिषेक करें, राहु बीज मंत्रा की तीन माला जाप करें।
14.
अतः श्रद्धालुओं को चाहिए कि वे शनि अमावस्या को, पूजा-अर्चना के साथ, अपने हाथों से शनि देव का तैलाभिषेक भी अवश्य करें।
15.
शनिवार औ मंगलवार का व्रत रखें और शनि मंदिर में जाकर भगवान शनिदेव कर पूजन करें व तैलाभिषेक करें, इससे तुरंत कार्य सफलता प्राप्त होती है।
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शनिवार औ मंगलवार का व्रत रखें और शनि मंदिर में जाकर भगवान शनिदेव कर पूजन करें व तैलाभिषेक करें, इससे तुरंत कार्य सफलता प्राप्त होती है।
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बस यह आपकी काबिलियत पर है कि वो कौन है जिसने ' तैलाभिषेक ' (तेल लगाने की परंपरा का नाम रूप) में महारत हासिल की है।
18.
शनिवार का व्रत रखें, श्री शनिदेव का तैलाभिषेक व पूजन करें और लहसुनियां, सुवर्ण, लोहा, तिल, सप्तधान्य, तेल, काला वस्त्रा, छिलके समेत सूखा नारियल, कंबल आदि का समय-समय पर दान करें
19.
2 दिसंबर-सोमवती अमावस-इस दुर्लभ अवसर पर शिगनापुर धाम में शनिदेव को तैलाभिषेक कर कृपा प्राप्त करिये और शनि दोष से राहत पाइये बुक करने के लिए क्लिक करें->
20.
महामृत्युंजय मंत्रों का जाप प्रतिदिन 11 माला रोज करें, जब तक राहु केतु की दशा-अंर्तदशा रहे और हर शनिवार को श्री शनिदेव का तैलाभिषेक करें और मंगलवार को हनुमान जी को चौला चढ़ायें।