| 11. | कितना अच्छा होता यदि तॉल्स्तॉय की यह कथा हमारे सभी धर्मग्रंथों में होती.
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| 12. | तॉल्स्तॉय का ‘ वार ऐण्ड पीस ' मेरे जीवन पर स्थायी प्रभाव छोड़ गया।
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| 13. | परिशिष्ट में संदर्भित तॉल्स्तॉय की 4, थोरो की 2 और रस्किन, प्लेटो तथा मैजिनी
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| 14. | भारतीय दर्शन के अतिरिक्त तॉल्स्तॉय, रस्किन, थोरो और एमर्सन जैसे लेखकों का उन पर
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| 15. | कितना अच्छा होता यदि तॉल्स्तॉय की यह कथा हमारे सभी धर्मग्रंथों में होती.
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| 16. | अगर आपको कहीं तॉल्स्तॉय के सभ्यता विमर्श पर कोई वस्तुपरक विश्लेषण मिले तो मुझे बताएं।
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| 17. | तॉल्स्तॉय ने उन्हें कुंजी दी थी कि लेखक का मकसद होना चाहिए कि हम कैसे जिएं.
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| 18. | तॉल्स्तॉय ने अपनी अंतिम कहानी ‘ आखिर कितनी लोगे जमीन ' में यही निष्कर्ष निकाला है।
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| 19. | तॉल्स्तॉय जैसे विचारकों की आवाज तूती की तरह बना दी गई है, जबकि ऐसे मानस-पुत्र ही
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| 20. | तॉल्स्तॉय ने उन्हें कुंजी दी थी कि लेखक का मकसद होना चाहिए कि हम कैसे जिएं.
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