-श्रावण मास की किसी भी तिथि या दिन को विशेषतः सोमवार को प्रातःकाल उठकर शौच स्नानादि से निवृत्त होकर त्रिदल वाले सुन्दर, साफ, बिना कटे-फटे कोमल बिल्व पत्र पांच, सात या नौ आदि की संख्या में लें।
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-श्रावण मास की किसी भी तिथि या दिन को विशेषतः सोमवार को प्रातःकाल उठकर शौच स्नानादि से निवृत्त होकर त्रिदल वाले सुन्दर, साफ, बिना कटे-फटे कोमल बिल्व पत्र पाँच, सात या नौ आदि की संख्या में लें।
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वे संकल्प को पूर्ण करने के लिये परेशान हो उठी और बचे कमल पुष्पो पर जल का छीटा मारा पात्र व पुष्प पर जल पडते ही कमलो से एक पौधे का प्रादुर्भाव हुआ और इस पौधे मे त्रिदल की तरह अनगिनत पत्त्ते थे।
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इन्ही पत्त्तो को तोडकर माता लक्ष्मी ने शिवलिंग पर चढाया तब से ये त्रिदल पत्त्ते माता लक्ष्मी की शिव की भक्ति की आस्था के कारण भोले भण्डारी गौरी शंकर को प्रिय हो गये यह पौधा बिल्व वृक्ष स्थानीय भाषा मे बेल का पेड व पत्त्ते बिल्वपत्र कहलाये।