| 11. | तो अस्थिमज्जा में ही होता है एवं बाकी को थाइमस नामक ग्रंथि
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| 12. | ऐसे लक्षणों में रोगी को थाइमस सर्पाइलस औषधि देने से रोग ठीक होता है।
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| 13. | रक्तवाहिनियां फूली हुई तथा कालिमायुक्त आदि लक्षणों में थाइमस सर्पाइलस औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
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| 14. | छोटे बच्चे को गले में ताबीज पहनाने से थाइमस ग्रंथि ठीक से काम करने लगती है।
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| 15. | यह न सिर्फ हमारे सक्यरुलेटरी सिस्टम बल्कि फेफड़ों व थाइमस ग्लैंड को भी दुरुस्त रखता है।
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| 16. | प्राणी जगत् में भी यह थाइमस ग्रंथि (thymus gland) और प्लीहा (spleen) में पाया जाता है।
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| 17. | टी-कोशिका अपने निर्माण के बाद थाइमस ग्रन्थि में चली जाती है, वहीं पर इसका विकास होता है.
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| 18. | जन्म के समय थाइमस ग्रन्थि ज्यादा बड़ी होती है (लगभग 12 से 15 ग्राम) ।
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| 19. | मस्तिष्क, साइनस, आंख, नाक, गला, पिट्यूटरी, पीनियल, थायरायड, पैराथायरायड व थाइमस ग्रंथियों के बिंदु यहीं स्थित होते हैं।
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| 20. | इसमें बी और टी लिम्फोसाइट्स, मोनोसाइट्स, अस्थि मज्जा में कोशिकाएँ, लसीका ग्रँथियाँ, पेयर्स पैचेस और थाइमस शामिल हैं।
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