बेटी का फोन था‘मुझे बचा लो मां ' का रिंगटोन थाकल फिर उन्होंनेमुझे मारा और दुत्कारातुम औरत होतुम्हारी औकात है-पैर की जूतीजूती ही बनी रहोखबरदार!जो सिर उठाने की कोशिश कीतो कुचल दूंगादेखा नहीं क्यातुमने कल का अखबारकल का नहीं तोपरसों का ही देख लोरोज छपती...
12.
तवा के ऊपर चूल्ह चढ़ी जाय, पकवनवाला के रोटिया खाय, चले बटोहिया थाकल बाट, सोवनहार ते उल्टा खाट, कहें कबीर यह उल्टा ज्ञान, मूते न इंद्री, बांध लो कान, लड़का की गोद में खेले महतारी, बूझो-बूझो पंडित अमृतवाणी.
13.
कल की रात कोई आया थामुट्ठी में तोहफ़ा लाया थाचेहरे पर कुछ फूल खिले थेचाँद चमकता था माथे पेसाँसों में खुशबू संदल सीआँख में तारे भर लाया थाकल की रात कोई आया थावो मेरे सिरहाने खड़ा थाऔर मैं आँखें मूँद पड़ा थाउसकी नज़रों की ठंडक कोअपनी पलकों पर पाया थाकल की...
14.
कल की रात कोई आया थामुट्ठी में तोहफ़ा लाया थाचेहरे पर कुछ फूल खिले थेचाँद चमकता था माथे पेसाँसों में खुशबू संदल सीआँख में तारे भर लाया थाकल की रात कोई आया थावो मेरे सिरहाने खड़ा थाऔर मैं आँखें मूँद पड़ा थाउसकी नज़रों की ठंडक कोअपनी पलकों पर पाया थाकल की...
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कल की रात कोई आया थामुट्ठी में एक तोहफ़ा लाया थाचेहरे पर कुछ फूल खिले थेचाँद चमकता था माथे पेसाँसों में खुशबू संदल सीआँख में तारे भर लाया थाकल की रात कोई आया थामैं आँखों को मूँद पड़ा थावो मेरे सिरहाने खड़ा थाउसकी नज़रों की ठंडक कोअपनी पलकों पर पाया थाकल की रात कोई आ...
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कल की रात कोई आया थामुट्ठी में एक तोहफ़ा लाया थाचेहरे पर कुछ फूल खिले थेचाँद चमकता था माथे पेसाँसों में खुशबू संदल सीआँख में तारे भर लाया थाकल की रात कोई आया थामैं आँखों को मूँद पड़ा थावो मेरे सिरहाने खड़ा थाउसकी नज़रों की ठंडक कोअपनी पलकों पर पाया थाकल की रात कोई आ...