इसी विधि से शुद्ध विद्युद्विश्लेषित ताँबे के प्रति आंमापन करके सोडियम थायोसल्फेट का मानकीकरण करते हैं।
12.
तत्पश्चात् दूसरे अवगाह (bath) में उन्हें 15 भाग सोडियम थायोसल्फेट के तनु विलयन के साथ पीपे इत्यादि में घुमाते हैं।
13.
साथ ही थायोसल्फेट के उपचयन से टेट्राथायोनेट बनता है और उन्मुक्त गंधक भी तंतुओं के ऊपर और अंदर निक्षिप्त होता है।
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साथ ही थायोसल्फेट के उपचयन से टेट्राथायोनेट बनता है और उन्मुक्त गंधक भी तंतुओं के ऊपर और अंदर निक्षिप्त होता है।
15.
स्टार्च विलयन को सूचक (indicator) बनाकर उन्मुक्त आयोडीन के साथ मानक सोडियम थायोसल्फेट से अनुमापन (titration) करते हैं।
16.
संखिया (अनेक कीटनाशक ओषधियों में आर्सेनिक रहता है): अमाशय को नली द्वारा पर्याप्त मात्रा में सेवन, या सोडियम थायोसल्फेट विलयन का अंत:
17.
आमाशय को धोना, एमि नाइट्राइट का अंत:श्वसन और साथ साथ सोडियम नाइट्राइट और सोडियम थायोसल्फेट का अंत:शिरा इंजेक्शन, मेथिलीन का अंत:शिरा इंजेक्शन आदि उपाय हैं।
18.
इस विधि की विशेषता यह है कि पहले अवगाह में बाइक्रोमेट और अम्ल की क्रिया द्वारा जो क्रोमिक अम्ल बनता है और खाल में अवशोषित होता है, वह दूसरे अवगाह में थायोसल्फेट और अम्ल की क्रिया द्वारा बने सलफ्यूरस अम्ल से अपचयित होकर समाक्षारीय क्रोमियम सल्फेट में परिणत होकर तंतुओं में निक्षिप्त हो जाता है।
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इस विधि की विशेषता यह है कि पहले अवगाह में बाइक्रोमेट और अम्ल की क्रिया द्वारा जो क्रोमिक अम्ल बनता है और खाल में अवशोषित होता है, वह दूसरे अवगाह में थायोसल्फेट और अम्ल की क्रिया द्वारा बने सलफ्यूरस अम्ल से अपचयित होकर समाक्षारीय क्रोमियम सल्फेट में परिणत होकर तंतुओं में निक्षिप्त हो जाता है।
20.
ये जीव हाइड्रोजन, [41] अपघटित सल्फर यौगिकों (जैसे सल्फाइड, हाइड्रजन सल्फाइड और थायोसल्फेट) [1], फैरस लोहे (फेल) [42] या अमोनिया [43] को अपघटन शक्ति के रूप में प्रयोग में ला सकते हैं और इन यौगिकों के आक्सीजन या नाइट्राइट जैसे इलेक्ट्रान ग्राहकों द्वारा आक्सीकरण से ऊर्जा प्राप्त करते हैं.