यद्यपि नवार्ण मंत्र नौ अक्षरों का ही है, परंतु विजयादशमी की महत्ता को ध्यान में रखते हुए, इस मंत्र के पहले ॐ अक्षर जोड़कर इसे दशाक्षर मंत्र का रूप दुर्गा सप्तशती में दे दिया गया है, लेकिन इस एक अक्षर के जुड़ने से मंत्र के प्रभाव पर कोई असर नहीं पड़ता।
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गौतमीय तथा महानिर्वाण तंत्र के मंत्रों में दशाक्षर मंत्र, मुक्ति मंत्र, पीठ मंत्र, अष्टादशाणों मंत्र, ब्रह्म मंत्र, आराधन मंत्र, गायत्री मंत्र, आद्या मंत्र, अघ्र्य मंत्र, मुद्राशोधन मंत्र, प्राण प्रतिष्ठा मंत्र, आत्म समर्पण मंत्र जैसे मंत्र पुरूषार्थ चतुष्ट्य जैसे आध्यात्मिक लक्ष्यों की उपलब्धि के उद्देश्य को प्रमुखता देते हैं।