सरसों, हींग, बालवच, करजबीज, देवदाख मंजीज, त्रिफला, श्वेत अपराजिता मालकंगुनी, दालचीनी, त्रिकटु, प्रियंगु शिरीष के बीज, हल्दी और दारु हल्दी को बराबर-बराबर ले कर, गाय या बकरी के मूत्र में पीस कर, गोलियां बना कर, छाया में सुखा लें।
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सरसों, हींग, बालवच, करजबीज, देवदाख मंजीज, त्रिफला, श्वेत अपराजिता मालकंगुनी, दालचीनी, त्रिकटु, प्रियंगु शिरीष के बीज, हल्दी और दारु हल्दी को बराबर-बराबर ले कर, गाय या बकरी के मूत्र में पीस कर, गोलियां बना कर, छाया में सुखा लें।
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हल्दी का उबटन बनाने की विधि यह है कि दारु हल्दी दस ग्राम लेकर पीपल अथवा आक के दूध में डुबो दें और अच्छी तरह दूध को सोख लेने के बाद सायंकाल उसको घिसकर पेस्ट बना लें और किसी बर्तन में पेस्ट को रखकर ढक्कन बन्द कर दें तथा रात्रि को ओस में बाहर खुले में रख दें।
14.
१ भाग, काले तिल ४ भाग, चन्दन ४ भाग, चिरायता २ भाग, छुहारे ४ भाग, तुलसी के बीज ४ भाग, गुग्गुल ३ भाग, चिरौंजी २ भाग, काकड़ासिङ्गी २ भाग, शतावर २ भाग, दारु हल्दी २ भाग, शंख पुष्पी १ भाग,पाद्मख २ भाग, कोंच के बीच १ भाग, जटामांसी १ भाग, भोजपत्र १ भाग, तुम्बर ५ भाग, राल ५ भाग, सुपारी २ भाग, घी ११.५ भाग, खाण्ड या बूर १५ भाग ।