रोम में अभिजात वर्ग के लोग यानी दास-स्वामी कइयों के साथ सेक्स संबंध बनाते थे और ऐसा तब तक करते थे, जब तक कोई विशेष परेशानी पैदा न हो जाए।
12.
उसकी उत्पत्ति दास-स्वामी समाज में एक ऐसे विज्ञान के रूप में हुई जिसने वस्तुगत जगत तथा स्वयं अपने विषय में मनुष्य के ज्ञान के सकल योग को ऐक्यबद्ध किया था।
13.
कई बार दास-स्वामी अपनी उन दासियों की लड़कियों के साथ भी सेक्स संबंध बनाता था जो उसकी पूर्व रखैलों (दासियों) की पुत्रियां होती थीं और इस बात की पूरी संभावना होती थी कि वह उसके द्वारा ही उत्पन्न हो।