जनता पार्टी जैसे भ्रामक प्रयोग से गुजरने और कुछ समय तक गांधीवादी समाजवाद से दिखावटी प्रेम करने के बाद वह अपने नए संस्करण में जल्द ही अपने पुराने विचारों पर लौट आई थी।
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जितना पैसा हम दिखावे में बर्बाद करते हैं उससे किसी गरीब के घर में ख़ुशी के दीप जल सकते हैं यही सबसे बड़ी दिवाली होगी सच में ये दिखावटी प्रेम के लेन देन दिलों में और दूरी पैदा कर देते हैं सबसे पहले तो गिफ्ट की कीमत आंकते हैं फिर कोई प्रतिक्रिया देते हैं बहुत अच्छा आलेख लिखा आपको सपरिवार दिवाली की हार्दिक बधाई
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जितना पैसा हम दिखावे में बर्बाद करते हैं उससे किसी गरीब के घर में ख़ुशी के दीप जल सकते हैं यही सबसे बड़ी दिवाली होगी सच में ये दिखावटी प्रेम के लेन देन दिलों में और दूरी पैदा कर देते हैं सबसे पहले तो गिफ्ट की कीमत आंकते हैं फिर कोई प्रतिक्रिया देते हैं बहुत अच्छा आलेख लिखा आपको सपरिवार दिवाली की हार्दिक बधाई