दिशिकता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि यह श्रोता द्वारा सुनी जाने वाली ध्वनि के आवृत्ति संतुलन को प्रभावित करता है, इसके साथ ही स्पीकर सिस्टम की कमरे और उसके सामान के साथ अन्योन्यक्रिया को भी प्रभावित करता है.
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दिशिकता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि यह श्रोता द्वारा सुनी जाने वाली ध्वनि के आवृत्ति संतुलन को प्रभावित करता है, इसके साथ ही स्पीकर सिस्टम की कमरे और उसके सामान के साथ अन्योन्यक्रिया को भी प्रभावित करता है.
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ऐसी तकनीक का उपयोग करने वाले स्पीकर व्यापक दिशिकता पैटर्न के साथ (विरोधाभासी ढंग से कुछ-कुछ बिंदु स्रोत की भांति)[कृपया उद्धरण जोड़ें] ध्वनि का पुनरुत्पादन कर सकते हैं और कुछ कंप्यूटर स्पीकर डिजाइनों में तथा बुकशेल्फ लाउडस्पीकरों में इनका उपयोग किया गया है.
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ऐसी तकनीक का उपयोग करने वाले स्पीकर व्यापक दिशिकता पैटर्न के साथ (विरोधाभासी ढंग से कुछ-कुछ बिंदु स्रोत की भांति)[कृपया उद्धरण जोड़ें] ध्वनि का पुनरुत्पादन कर सकते हैं और कुछ कंप्यूटर स्पीकर डिजाइनों में तथा बुकशेल्फ लाउडस्पीकरों में इनका उपयोग किया गया है.
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व्हिजर कोन चालक की उच्च आवृत्ति प्रतिक्रिया प्रदान करता है और इसकी उच्च आवृत्ति दिशिकता का विस्तार करता है, अन्यथा उच्च आवृत्तियों पर बाह्य व्यास शंकु सामग्री द्वारा केंद्रीय वाक् कुंडली के साथ सामंजस्य न रख पाने के कारण, वह अत्यंत संकरा हो जाता है.
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व्हिजर कोन चालक की उच्च आवृत्ति प्रतिक्रिया प्रदान करता है और इसकी उच्च आवृत्ति दिशिकता का विस्तार करता है, अन्यथा उच्च आवृत्तियों पर बाह्य व्यास शंकु सामग्री द्वारा केंद्रीय वाक् कुंडली के साथ सामंजस्य न रख पाने के कारण, वह अत्यंत संकरा हो जाता है.
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श्रृंग लाउडस्पीकर ड्राइवर के सामने या पीछे रूपित तरंग पथक का प्रयोग लाउडस्पीकर की दिशिकता बढ़ाने और छोटे व्यास के रूपांतरण के लिए, दीर्घ व्यास वाली ड्राइवर शंकु सतह पर उच्च दबाव स्थिति तथा श्रृंग के मुख पर कम दबाव की स्थिति के लिए किया जाता है.
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श्रृंग लाउडस्पीकर ड्राइवर के सामने या पीछे रूपित तरंग पथक का प्रयोग लाउडस्पीकर की दिशिकता बढ़ाने और छोटे व्यास के रूपांतरण के लिए, दीर्घ व्यास वाली ड्राइवर शंकु सतह पर उच्च दबाव स्थिति तथा श्रृंग के मुख पर कम दबाव की स्थिति के लिए किया जाता है.
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एक द्विध्रुव की दिशिकता 8 अंक के आकार की है और अधिकतम निर्गम दो स्रोतों को जोड़ने वाले एक वेक्टर के साथ और न्यनतम पार्श्व की ओर जब प्रेक्षण बिंदु दोनों स्रोतों से समदूरस्थ है, जहां धनात्मक और ऋणात्मक तरंगें एक दूलरे को निरस्त कर देती हैं.
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एक द्विध्रुव की दिशिकता 8 अंक के आकार की है और अधिकतम निर्गम दो स्रोतों को जोड़ने वाले एक वेक्टर के साथ और न्यनतम पार्श्व की ओर जब प्रेक्षण बिंदु दोनों स्रोतों से समदूरस्थ है, जहां धनात्मक और ऋणात्मक तरंगें एक दूलरे को निरस्त कर देती हैं.