वस्तुतः ज्ञानी और भक्त ही सबका दुःख दूर करना चाहते हैं, क्योंकि उनके अंतःकरण का स्वभाव ही ‘सर्वभूतों के हित में रत रहना' और ‘सबके प्रति द्वेषरहित होकर सबके अकृत्रिम मित्र और दयालु होना' है।
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एक सच्चे और ईमानदार पत्रकार का कर्त्तव्य हैं, प्रजा के दुःख दूर करना, सरकार के अन्याय के विरुध्द आवाज उठाना, उसे सही परामर्श देना और वह न माने तो उसके विरुध्द संघर्ष करना.
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हमारे युवा पीढ़ी की भी क्या गलती उसे तो जो मीडिया ने बता दिया वही मान लिए वो तो ते मान कर बैठे हैं की शील, करुणा, मैत्री, भिक्षा और अहिंसा आदि धनं की शिक्षा है | बौद्ध धम्म का मकसद बहुजन हिताए बहुजन सुखाय है बहुजन का दुःख दूर करना है | पता नहीं ये लोग क्यों दिमाग नहीं लगा रहे क्यों नहीं समझ रहे की विरोधी धम्म के कमजोर पक्ष को उजागर कर रहे हैं और शक्तिशाली पक्ष को दबा रहे हैं |