छेनेवाले भाग को, जिसमें दुग्धशर्करा तथा दूध में पाए जानेवाले विटामिन भी रहते हैं, विशेष ताप तथा नमी की दशा में किण्वन क्रिया के लिये रख दिया जाता है।
12.
छेनेवाले भाग को, जिसमें दुग्धशर्करा तथा दूध में पाए जानेवाले विटामिन भी रहते हैं, विशेष ताप तथा नमी की दशा में किण्वन क्रिया के लिये रख दिया जाता है।
13.
छेनेवाले भाग को, जिसमें दुग्धशर्करा तथा दूध में पाए जानेवाले विटामिन भी रहते हैं, विशेष ताप तथा नमी की दशा में किण्वन क्रिया के लिये रख दिया जाता है।
14.
वसा तथा दुग्धशर्करा को हटाने के लिए वियुक्त का संसाधन किया जाता है, लेकिन आम तौर पर जैवसक्रिय यौगिकों में ये कम होते हैं-वे 90%+ वजन के प्रोटीन होते हैं.
15.
जब दूध जम जाता है, तो मट्ठा अवशिष्ट रहता है, और दूध से घुलनशील सभी तत्व इसमें शामिल होते हैं.यह कुछ खनिजों और दुग्धान्नसार के साथ पानी में दुग्धशर्करा का 5 प्रतिशत घोल है.
16.
जब दूध जम जाता है, तो मट्ठा अवशिष्ट रहता है, और दूध से घुलनशील सभी तत्व इसमें शामिल होते हैं.यह कुछ खनिजों और दुग्धान्नसार के साथ पानी में दुग्धशर्करा का 5 प्रतिशत घोल है.
17.
सांद्र में वसा और कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है, लेकिन सामान्य तौर पर, जैवसक्रिय यौगिक, और दुग्धशर्करा के रूप में कार्बोहाइड्रेट का उच्च स्तर होता है-वे 29%-89% वज़न के प्रोटीन होते हैं.
18.
इस क्रिया के कारण पनीर में उपस्थित दुग्धशर्करा लैक्टिक अम्ल में परिणत हो जाती है, छेना अथवा केसीन अधिक सुपाच्य प्रोटीन यौगिकों में बदल जाता है तथा वसा भी सरल यौगिकों में परिणत हो जाती है।
19.
इस क्रिया के कारण पनीर में उपस्थित दुग्धशर्करा लैक्टिक अम्ल में परिणत हो जाती है, छेना अथवा केसीन अधिक सुपाच्य प्रोटीन यौगिकों में बदल जाता है तथा वसा भी सरल यौगिकों में परिणत हो जाती है।
20.
इस क्रिया के कारण पनीर में उपस्थित दुग्धशर्करा लैक्टिक अम्ल में परिणत हो जाती है, छेना अथवा केसीन अधिक सुपाच्य प्रोटीन यौगिकों में बदल जाता है तथा वसा भी सरल यौगिकों में परिणत हो जाती है।