होरी ने आगे वाली गाय के पुट्टे पर हाथ रख कर कहा, “ दुधार तो मालूम होती है।
12.
तदनन्तर परम मनस्वी भगवान् श्रीकृष्ण दुधार, पहले-पहल ब्यायी हुई, बछड़ोंवाली, सीधी-शान्त तेरह हजार चौरासी गौओंका दान करते थे।
13.
बच्चे के लिए पहले ही सोने के गहने बनवा लिये गये, दूध के लिए एक सुन्दर दुधार गाय मोल ले ली
14.
जैसे हरहाई (बुरी जाति की) गाय कपिला (सीधी और दुधार) गाय को अपने संग से नष्ट कर डालती है॥ 1 ॥
15.
दुधार गाय के भरे हुए थनों को देखकर हम प्रसन्न होते हैं-इनमें कितना दूध होगा केवल उसकी मात्रा का भाव हमारे मन में आ जाता है।
16.
बच्चे के लिए पहले ही सोने के गहने बनवा लिये गये, दूध के लिए एक सुन्दर दुधार गाय मोल ले ली गयी, घमंडीलाल उसे हवा खिलाने को एक छोटी-सी सेजगाड़ी लाये।
17.
बच्चे के लिए पहले ही सोने के गहने बनवा लिये गये, दूध के लिए एक सुन्दर दुधार गाय मोल ले ली गयी, घमंडीलाल उसे हवा खिलाने को एक छोटी-सी सेजगाड़ी लाये।
18.
जिस बेफिक्री से वह बोलेगा उससे यही जाहिर होगा मानो हमारा दैनिक कार्य ही है, अच्छी अच्छी छाँट कर निकालना … मन तो करेगा कि इसे भी भट्ठी पर झोंक दूँ … फिर दूसरी दुकान पर छँटाई कार्य करूँ … लेकिन भुट्टे को देख, कुलबुला रहे मन पर नियंत्रण नही रहेगा और हम दूसरी दुधार दानेदार की खोज करने लगेंगे …