सामान्य मनुष्य अहंकार से कर्म गंदा कर देते … ऐसे विकारो की दुर्गंधी वाले कर्म बंधन नहीं बनाए … इन से बचे ….
12.
आप यदि विवेकशील, स्वच्छ आचरण तथा परोपकारी व्यक्तित्व के धनि है तो मै आशा कर सकता हूँ की आप जिनसे मिलेगे, जिनके संपर्क में आयेगे उनको दुर्गंधी नहीं देगे।
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४) मुँह के रोग: नींबू मुँह में कीटाणुओं की वृद्धि को रोकता है | भोजन के बाद नींबू-पानी से कुल्ला करने से मुँह की दुर्गंधी ठीक हो जाती है |