बहुत से सामाजिक संगठनों ने सरकार से आग्रह किया था कि दूरस्थ मतदान प्रणाली के द्वारा एनआरआई और दूर स्थित लोगों द्वारा मतदान करने के लिए आरपीए में संशोधन करना चाहिए.
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वहां सहायक मतदान केंद्र भी स्थापित किए गए हैं तथा दूरस्थ मतदान केंद्रों तक मतदाताओं को लाने-ले जाने के लिए वैकल्पिक वाहन व्यवस्था हेतु जिला निर्वाचन कार्यालय को अनुरोध किया गया है।
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बहुत से सामाजिक संगठनों ने सरकार से आग्रह किया था कि दूरस्थ मतदान प्रणाली के द्वारा एनआरआई और दूर स्थित लोगों द्वारा मतदान करने के लिए आरपीए में संशोधन करना चाहिए. [6][7] पीपल फॉर लोक सत्ता, सक्रियता से इस बात पर बल देती रही है कि इंटरनेट और डाकपत्र मतदान का एनआरआई मतदान के एक व्यवहार्य साधन के रूप में प्रयोग किया जाए.[8]