विभिन्न अयनाशों एवं वर्ष की लम्बाई के अन्तर के प्रयोग से दृक्, वाक्य एवं सिद्धान्त पंचांगों में अन्तर पड़ सकता है और पर्व-उत्सवों के विषय में वर्ष के प्रथम दिन में भिन्नता पाई जा सकती है।
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नीटी में एक सुसज्जित दृक् श्रव्य केंद्र है जिसमें मल्टीमीडिया संसाधन (फिल्म, सी डी / डी वी डी आदि) अनुरक्षित किया जाता है, मल्टीमीडिया व्याख्यान का निर्माण एवं प्रस्तुति और वेब पर घटनाओं का प्रसारण किया जाता है ।
13.
अन्य दार्शनिकों ने दुःख की अत्यंत निवृत्ति को ही ' मोक्ष' कहा है किंतु पाशुपत दर्शन कहता है कि केवल दुःख की निवृत्ति ही मुक्ति नहीं हैं, जब तक साथ ही पारमैश्वर्यप्राप्ति भी न हो तब तक केवल दुःखनिवृत्ति से क्या? पारमैश्वर्य मुक्ति दो प्रकार की शक्तियों की प्राप्ति है-दृक् शक्ति और क्रिया शक्ति ।