| 11. | अब धर्म विमुख दृष्ट हमारा क्या कर लेंगे।
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| 12. | शनि, राहु और चन्द्र मंगल द्वारा दृष्ट हैं।
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| 13. | दृष्ट के भी दो भेद हैं-तात्कालिक और कालान्तरिक।
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| 14. | दद्गाम भाव लग्नेद्गा चंद्र से भी दृष्ट है।
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| 15. | उनकी दृष्ट बचाकर कोई कार्य नहीं किय जा सकता।
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| 16. | चंद्र और गुरु अकारक मंगल से भी दृष्ट हैं।
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| 17. | अब मानव का व्यक्तित्व दृष्ट नहीं रहा।
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| 18. | राहु भाग्येश सूर्य और द्वितीयेश शनि द्वारा दृष्ट है।
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| 19. | मे होकर लग्न या लग्नेश द्वारा दृष्ट हो (
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| 20. | चंद्र और गुरु केतु से दृष्ट हैं।
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