इसलिये वह देहमुक्त योगी सूर्य से भी परे लोकों में जाकर उससे भी आगे धुर तक जाता है तथा फ़िर वापस लौट भी आता है.
12.
शरीर के रहते, शरीर के भीतर जो ध्यान की अवस्था को साध लेता है, वही जीवन-मुक्त होकर एक दिन देहमुक्त भी हो जाता है।
13.
देहमुक्त स्त्री ही समझ और समझा पाएगी कि जानलेवा गर्मी के आलम में अगर मर्द-महाराज की तरह स्त्री भी कमीज़ उतारकर दो घड़ी सुस्ता लेगी तो आसमान नहीं फट पड़ेगा।
14.
और भी गाँधीगिरी, गाँधीवाद नहीं है गाँधी, गाँधीवाद और गाँधीगिरी तीनों जुदा-जुदा हैं, लेकिन तीनों का संबंध एक ऐसे शख्स के साथ है, जो सारी दुनिया में एक ही है-संत का अंत नहीं होता है संत का अंत नहीं होता बल्कि संत देहमुक्त होकर अनंत हो जाता है।
15.
विशेषतः स्वयंभगवान् का तो भूतल पर तभी अवतरण होता है, जब यहां ऐसे दुष्कृतकारियों का वध आवश्यक होता है, जिनको भगवान् के हाथों देहमुक्त होकर भगवद्धाम में जाना हो और उन साधुपुरुषों की मर्मपीडा को हरण करना अनिवार्य हो जाय जो कामकलुषित विषयजगत् से अत्यंत पीडत होकर विशुद्ध प्रेम चाहते हों और अपने परम प्रेमास्पद की विरहज्वाला से अत्यन्त संतप्त हो उठे हों।