इसी प्रकार की 10 लाख वरिष्ठ नागरिकों के सामूहिक हित वाली एक अन्य याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में 9 वर्ष से बकाया पड़ी है | इस याचिका को भी दिखावटी तौर सुनवाई में प्राथमिकता दी जा रही है और इसे दिनांक 29. 081 1 से 13.09.11 तक लगातार रोजाना दैनिक सूची में क्रम संख्या 1 पर दिखाया गया है किन्तु 15 दिन व्यतीत होने के बावजूद भी इसमें सुनवाई पूर्ण नहीं हुई है | दूसरी ओर सुरेश कलमाड़ी जैसे भ्रष्ट और प्रभावशाली राजनेता के नए मामले को इसी बेंच ने बीच में ही प्राथमिकता से सुना |