यह द्रवणशीलता, उस पल को निष्ठुर बना देती है-सुबक पड़ी / कैसी थी वो निष्ठुर / विदा की घड़ी।'
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यह द्रवणशीलता, उस पल को निष्ठुर बना देती है-poem > सुबक पड़ी कैसी थी वो निष्ठुर विदा की घड़ी।
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' संधया ', ' खद्योत ', ' तितली ', ' शुक ' इत्यादि रचनाओं में जो रमणीय कल्पनाएँ हैं उनमें दूसरे के हृदय में ढलने की पूरी द्रवणशीलता है।
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शबरी के बेर का प्रसंग, चन्दनबाला के बाकलों का महावीर स्वामी को बहराने का प्रसंग, विदुर पत्नी का कृष्ण को केले के छिलके खिलाने जैसे अनेक प्रसंग हैं, जो द्रवणशीलता के श्रेष्ठ उदाहरण बनते हैं।
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भाषा की स्निग्ध सुख सरल गति, कल्पना की मूर्तिमत्ता और हृदय की द्रवणशीलता मतिराम, श्रीपति और बेनी प्रवीन के जाती है तो उधर आचार्यत्व इन तीनों में भी और दास से भी कुछ आगे दिखाई पड़ता है।
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शबरी के बेर का प्रसंग, चन्दनबाला के बाकलों का महावीर स्वामी को बहराने का प्रसंग, विदुर पत्नी का कृष्ण को केले के छिलके खिलाने जैसे अनेक प्रसंग हैं, जो द्रवणशीलता के श्रेष्ठ उदाहरण बनते हैं।
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इधर भाषा की स्निग्ध सुख सरल गति, कल्पना की मूर्तिमत्ता और हृदय की द्रवणशीलता मतिराम, श्रीपति और बेनीप्रवीन के मेल में जाती है तो उधर आचार्यत्व इन तीनों में भी और दास से भी कुछ आगे दिखाई पड़ता है।
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नीले रंग की कोई आकृति नीली न रहकर बैगनी, हरी तथा नांरगी हो जाती है वह चित्र के वातावरण से प्रभावित होती और उसे प्रभावित भी करती है इससे वेनिस की चित्रकला की वर्ण-योजनाओं में द्रवणशीलता सिनपकपजल नामक गुण आ गया है टिशिअन आदि वेनिस के चित्रकारो ने रंगो को पतला करके लगाया है जिससे उनमें पादर्शिता भी आ गयी है तेल से पतले किये जाने के कारण इनमें चमक भी है फ्लोरेन्स के कलाकार वस्तु की सीमा को प्रकाश अधंकार-पूर्ण तलों द्वारा स्पष्ट अंकित करते थे ।