| 11. | द्विभुज ' ्चैकवक्त्रं च श्वेतपंकजधृत्करम् ।।
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| 12. | द्विभुज भगवान् श्रीकृष्ण पूर्णब्रह्म परमेश्वर हैं।
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| 13. | द्विभुज है और अपने हाथों में सनाल कमल धारण करती हैं।
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| 14. | भगवान श्रीकृष्ण दो रूपों में प्रकट हैं-द्विभुज और चतुर्भुज।
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| 15. | कृष्ण ने भी दो रूप धारण किये-एक द्विभुज और एक चतुर्भुज।
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| 16. | सूर्य देवता-शकद्वीपी प्रधानता वाले इलाकों में अधिकांश सूर्य मूर्त्तियां द्विभुज मिलती हैं।
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| 17. | देवी के द्विभुज, चतुर्भुज, दशभुज, शतभुज, अष्टभुज और सहस्रभुज आदि अनंत रूप हैं।
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| 18. | चतुर्भुजरूप से वे वैकुण्ठधाम में निवास करते हैं और स्वयं द्विभुज श्रीकृष्ण गोलोकधाम में।
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| 19. | ऐसी मूर्तियों में वे द्विभुज हैं और उनका मस्तक मंगलचिह्नों से शोभित सर्पफणों से अलंकृत है।
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| 20. | ऐसी मूर्तियों में वे द्विभुज हैं और उनका मस्तक मंगलचिह्नों से शोभित सर्पफणों से अलंकृत है।
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