यदि विवाह रेखा आगे चलकर द्विशाखी हो जाये, एक शाखा ह्वदय रेखा की और मुड जाये तो पति पत्नी में बनाव नहीं बन पाता।
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चाहे कठिनी के अवयव किसी भी कार्य के लिए उपयोजित हों और उनके आकार में चाहे कितनी विभिन्नता क्यों न हो, इनकी बनावट मुख्यत: द्विशाखी (
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भी द्विशाखी होते हैं और भोजनप्राप्ति में सहायता करते हैं, परंतु बहुतेरे कठिनियों में अधोहनु शक्तिमान हनु का रूप धारण कर लेते हैं और इनकी सतह दाँत और कंडों (