से है जैसे व्हाइट, रेड ब्लैक) दिल में दिल मिलाकर, अभेद रूप से, उदार भाव से, हमारे बुद्ध भगवान के धर्मदान की प्रत्युपकार बुद्धि से-मानव मात्र की हित-कामना-जन्य निस्वार्थ प्रेमवृति से सब प्रकार की उच्चतर महत्वपूर्ण शिक्षा सस्ती से सस्ती देने के लिए सम्मान पूर्वक आव्हान करता है ”
12.
अत: जो इसे निकाले गा अल्लाह तआला उसके गुनाहों को मिटा देगा, उसके धन में बरकत देगा और उसके लिए बहुत बड़ा अज्र (पुण्य) संग्रहित करके रखे गा, अल्लाह तआला का फरमान है: ” तुम नमाज़ की अदायगी करो और ज़कात (धर्मदान) देते रहो, और जो भलाई तुम अपने लिये आगे भेजो गे सब कुछ अल्लाह के पास पा लोगे, बेशक अल्लाह तआला तुम्हारे अमल को देख रहा है।