हालांकि पेनटेकोसटेरियन, सर्व संत रविवार के दिन समाप्त हो जाता है, लेकिन पास्का का प्रभाव आने वाले पूरे साल के दौरान रहता है, जो कि अगले साल के लाज़ारुस शनिवार तक की पूरी अवधि के दौरान दैवीय आराधना पद्धति से दैनिक धर्मपत्र और गोस्पेल के पाठ, साप्ताहिक स्वर (टोन ऑफ़ द वीक), और मध्य रात्रि वंदना गोस्पेल को तय करता है.
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हालांकि पेनटेकोसटेरियन, सर्व संत रविवार के दिन समाप्त हो जाता है, लेकिन पास्का का प्रभाव आने वाले पूरे साल के दौरान रहता है, जो कि अगले साल के लाज़ारुस शनिवार तक की पूरी अवधि के दौरान दैवीय आराधना पद्धति से दैनिक धर्मपत्र और गोस्पेल के पाठ, साप्ताहिक स्वर (टोन ऑफ़ द वीक), और मध्य रात्रि वंदना गोस्पेल को तय करता है.
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हालांकि पेनटेकोसटेरियन, सर्व संत रविवार के दिन समाप्त हो जाता है, लेकिन पास्का का प्रभाव आने वाले पूरे साल के दौरान रहता है, जो कि अगले साल के लाज़ारुस शनिवार तक की पूरी अवधि के दौरान दैवीय आराधना पद्धति से दैनिक धर्मपत्र और गोस्पेल के पाठ, साप्ताहिक स्वर (टोन ऑफ़ द वीक), और मध्य रात्रि वंदना गोस्पेल को तय करता है.