माया पुराण की भूमिका के छठें पेज के पहले पैराग्राफ में लिखा है पुरा्तत्ववेत्ता व इतिहासकार मानते हैं कि सिंधु घाटी या हड्डपा मॊहनजॊदडॊं की नगरीय संस्कृति एक पूर्ण विकासित भारत मूल की अनार्य संस्कृति थी।
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अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार पर आधारित एक फलती-फूलती नगरीय संस्कृति की सदियों का अर्थ यह रहा है कि आज आप जिन शहरों का भ्रमण कर रहे हैं उन्होंने यूनानी, अरबी, और रोमन, चीनी, पुर्तगाली, डच एवं अंग्रेजी प्रभावों को आत्मसात किया हुआ है।