If this is the prelude to the freedom that is promised us , or to the ' new order ' about which so much is said , then we can well imagine what the later stages will be when England emerges as a full-blooded fascist state . अगर यह उस आजादी की शुरूआत है , जिसका हमसे वायदा किया गया है या यह उस ' नयी व्यवस्था ' की भूमिका है , जिसके बारे में ढेर-सा प्रचार किया जा रहा है , तब हम आसानी से यह सोच सकते हैं कि इसके बाद क़्या होगा जब इंग़्लैंड पूरी तरह से एक फासिस्ट राज़्य बन जायेगा .
12.
The Arabs of Palestine will no doubt gain their independence , but this is likely to be a part of the larger unity of Arab peoples for which the countries of western Asia have so long hankered after , and this again will be part of the new order which will emerge out of present-day chaos . इसमें कोई शक नहीं कि फिलीस्तीन के अरब अपनी आजादी हासिल करेंगे , लेकिन यह आजादी अरब लोगों की उस व्यापक एकता का Zएक हिस्सा होगी और जिसके लिए पश्चिमी एशिया के मुल्क अब तक बेकरार रहे हैं और तब यह उस नयी व्यवस्था का अंग होगी , जो मौजूदा उथल-पुथल के बाद उभरेगी .
13.
If the future is full of hope it is largely because of Soviet Russia and what it has done , and I am convinced that , if some world catastrophe does not intervene , this new civilization will spread to other lands and put an end to the wars and conflicts which capitalism feeds . * I do not know how or when this new order will come to India . अगर भविष्य आशापूर्ण है तो बहुत-कुछ सोवियत रूस और उसने जो कुछ किया है , उसकी वजह से है.मुझे उम्मीद है कि अगर कोई विश्वव्यापी संकट नहीं हुआ तो यह नयी सभ्यता दूसरे देशों में भी फैलेगी और उन लड़ाइयों और संधर्षों को खत्म कर देगी , जिनसे पूंजीवाद को खुराक मिलती है.मैं नहीं जानता कि यह नयी व्यवस्था हिंदुस्तान में कब और कैसे आयेगी .
14.
June 22, 2010 addenda : Extra thoughts that did not fit in the column, above. तीसरा है सातत्य- अर्थव्यवस्था को पृथ्वी के पर्यावरण के साथ आत्मसात करने के किये नयी व्यवस्था, “ वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों से चलेगी, जैविक खेती होगी, स्थानीय खाद्य बाजार होंगे और बन्द क्षेत्र में चक्रानुवर्ती उद्योग होंगे यदि इनकी आवश्यकता होगी। लोग सार्वजनिक परिवहन का सहारा लेंगे या फिर ऐसी कार पर चलेंगे जो पृथ्वी पर धीरे से चलेगी या फिर बेहतर होगा कि साइकिल पर चलेंगे। लोग प्रकृति के अनुकूल भवनों में रहेंगे जो कि स्थानीय सामग्री से बने होंगे और ऐसे शहरों में बसेंगे जो कि जैविक क्षेत्र में जैविक ढंग से विकसित होंगे। जीवन पूरी तरह कार्बन पदार्थों से मुक्त होगा। यह स्थाई जीवन होगा”।