| 11. | 2. बीसलदेवरासो नरपति नाल्ह कवि विग्रहराज चतुर्थ उपनाम बीसलदेव का समकालीन था।
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| 12. | इस शहर की स्थापना स्वतंत्रता सेनानी श्री नरपति सिंह ने की थी।
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| 13. | नरपति सिंह और उनकी रूइयागढ़ी का उसमें जो योगदान रहा वह अविस्मरणीय है।
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| 14. | 2. बीसलदेवरासो नरपति नाल्ह कवि विग्रहराज चतुर्थ उपनाम बीसलदेव का समकालीन था।
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| 15. | ” कुछ रज कण ही छोड़ यहाँ से चल देते नरपति सेनानी!
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| 16. | रूइयागढ़ी में ब्रितानियों और नरपति सिंह की क्रांतिकारी टुकड़ी में जबर्दस्त मुकाबाला हुआ।
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| 17. | इस समय के प्रमुख रचनाकार गोरखनाथ, विद्यापति, नरपति नालह, चंदवरदाई, कबीर आदि है।
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| 18. | परंतु वैदिक आख्यान में पुरूरवा पागल प्रेमी न होकर यज्ञ का प्रचारक नरपति है।
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| 19. | परंतु वैदिक आख्यान में पुरूरवा पागल प्रेमी न होकर यज्ञ का प्रचारक नरपति है।
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| 20. | सम्भव है कि नरपति उनकी उपाधि रही हो और “नाल्ह” उनका नाम हो ।
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