हालांकि, जबकि यति को आम तौर पर द्विपाद के रूप में वर्णित किया जाता है, अधिकांश वैज्ञानिकों का विश्वास है कि जाइगनटोपिथेकस चौपाया था, और इतना विशाल था कि, जब तक यह विशेष रूप से एक द्विपद वानर (ओरियोपिथेकस और होमिनिड्स की तरह) के रूप में विकसित नहीं हुआ, इनकी तरह सीधा खड़ा होकर चलना अब विलुप्त हो चुके नर वानर के लिए भी बहुत ज्यादा मुश्किल था लेकिन इसके विद्यमान चौपाया रिश्तेदार, वनमानुष के लिए ऐसा करना संभव है.
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