मेरी जानकारी के अनुसार ये एक रस्म है जो कुछ परिवारों में मान्य है, संभवतः नस के माध्यम से किसी रोग का उपचार भी होता है, अब यदि किसी परम्परा को शानोशौकत का माध्यम बनजाय तो इसमें दोष सम्बन्धित पक्ष का है परम्परा का नहीं. सुपात्र को दान देना कुछ अनुचित नहीं है