२५८५८ दिनों) में नाक्षत्र वर्ष की लंबाई के लिए उनका मूल्य भी एक वर्ष की लंबाई (३६५.२५,६३६ दिन) पर 3 मिनट 20 सेकंड में एक त्रुटि है.
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यदि मानसून विषुवतीय पांचांग पर आधारित होता तो विषुवतीय वर्ष तथा नाक्षत्र वर्ष के बीच अंतर की वजह से भारतीय पंचांग गणना गड़बड़ा जाती किन्तु ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ।
13.
में सूर्य और चंद्रमा समेत अन्य वस्तुओं के साथ क्रिया करता है वर्तमान में, पृथ्वी मोटे तौर पर अपनी धुरी का करीब ३६६.२६ बार चक्कर काटती है यह समय की लंबाई एक नाक्षत्र वर्ष (
14.
आधुनिक नापों के अनुसार औसत नाक्षत्र वर्ष का मान 365 दिन, 6 घंटा, 9 मिनट, 9.6 सेकंड के लगभग और औसत सायन वर्ष का मान 365 दिन, 5 घंटा, 48 मिनट, 46.054 सेकंड के लगभग है।
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आधुनिक नापों के अनुसार औसत नाक्षत्र वर्ष का मान 365 दिन, 6 घंटा, 9 मिनट, 9.6 सेकंड के लगभग और औसत सायन वर्ष का मान 365 दिन, 5 घंटा, 48 मिनट, 46.054 सेकंड के लगभग है।
पिछले डेढ़ हजार वर्ष का ऋतुनिष्ठ वर्षमान न लेकर नाक्षत्र वर्ष मान लेने के कारण यह अशुद्धि 2010 में 24 दिन की हो गई है अर्थात ऋतु 24 दिन पहले तथा पंचांग की गणना की अशुद्ध ऋतु 24 दिन बाद आ रही है।