आधुनिक भाषाओं में नाट्य प्रयोग की यह परंपरा विभिन्न भाषाओं और विभिन्न नाट्य शैलियों के साहचर्य में विकसित हुई और आगे भी विकासमान है।
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आधुनिक भाषाओं में नाट्य प्रयोग की यह परंपरा विभिन्न भाषाओं और विभिन्न नाट्य शैलियों के साहचर्य में विकसित हुई और आगे भी विकासमान है।
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मोर नांव दामाद, चरन दास चोर, इन्दर लोकसभा, शाजापुर की शांतिबाई, नंदराजा मस्त है आदि उनके छ्त्तीसगढ़ी भाषा के नाट्य प्रयोग हैं।
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इप्टा के प्रदेश महासचिव तनवीर अख् तर ने कहा कि एकल नाट्य प्रयोग और अभिनेता बनने के लिए अच्छा है, पर ये सामूहिक और जनतांत्रिक रंगमंच के लिए खतरनाक है।
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95यमराज ऑन अर्थ बाल व किशोरपयोगी बेहद रोचक 12 नाटकों का संग्रह... आगे...मंच अँधेरे में नरेन्द्र मोहन पृष्ठ 84 मूल्य $ 9.95मंच अँधेरे में नाटक भाषाहीनता के भीतर से भाषा की तलाश करते हुए बाहरी-भीतरी संतापों-तनावों को संकेतित करने वाला नाट्य प्रयोग है, जिसमें परिवेशगत विसंगति के विरोध में संघर्ष और विद्रोह-चेतना को खड़ा किया गया है।... आगे...