पहला, उन्होंने कहा कि, पहचान पत्रों के लिए नामांकन कराना “ स्वैच्छिक '' होगा। दूसरा, उन्होंने तर्क दिया कि पत्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य तंत्र और दूसरे हकदारी योजनाओं के दुरूपयोग को कम करेगा, डेविड ब्लंकेट ने तो इसे ‘‘ पहचान पत्र '' के बजाय ‘‘ हकदारी पत्र ” घोषित कर दिया।