चन्द्रगुप्त ने पश्चिामोत्तर भारत के यूनानी शासक सेल्यूकस निकेटर को पराजित कर एरिया (हेरात), अराकोसिया (कंधार), जेड्रोसिया पेरोपेनिसडाई (काबुल) के भू-भाग को अधिकृत कर विशाल भारतीय साम्राज्य की स्थापना की ।
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चन्द्रगुप्त ने पश्चिमोत्तर भारत के यूनानी शासक सेल्यूकस निकेटर को पराजित कर एरिया (हेरात), अराकोसिया (कंधार), जेड्रोसिया पेरोपेनिसडाई (काबुल) के भू-भाग को अधिकृत कर विशाल भारतीय साम्राज्य की स्थापना की ।
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चन्द्रगुप्त ने पश्चिमोत्तर भारत के यूनानी शासक सेल्यूकस निकेटर को पराजित कर एरिया (हेरात), अराकोसिया (कंधार), जेड्रोसिया पेरोपेनिसडाई (काबुल) के भू-भाग को अधिकृत कर विशाल भारतीय साम्राज्य की स्थापना की ।
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आजकल दो करीब से संबंधित उपचार उपलब्ध हैं, निकेटर अमेरिकैनस,जिसे आम तौर पर हुकवर्म कहा जाता है या त्रिचुरिस सुइस के अंडे, जिन्हें आम तौर पर पिग व्हिपवर्म अंडे कहा जाता है.[17][17][18][19][20][21]
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आजकल दो करीब से संबंधित उपचार उपलब्ध हैं, निकेटर अमेरिकैनस,जिसे आम तौर पर हुकवर्म कहा जाता है या त्रिचुरिस सुइस के अंडे, जिन्हें आम तौर पर पिग व्हिपवर्म अंडे कहा जाता है.
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लेकिन इस कोलाहल से अलग चंद्रगुप्त को तलवारबाजी करते एक युवती भी देख रही थी और यह युवती कोई और नहीं, बल्कि यूनानी सम्राट सेल्यूकस निकेटर की बेटी हेलेन थी.
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चंद्रगुप्त ने जब उस युवती के रूप का वर्णन किया तो दोस्त को समझते देर नहीं लगी कि वह तो सेल्यूकस निकेटर की बेटी हेलेन के बारे में बातें कर रहा है.
18.
सेल्यूकस निकेटर की कन्या चन्द्रगुप्त मौर्य के ज़माने में आयी, यवन-राजदूतों ने विष्णु के मंदिरों में गरुड़ध्वज बनाए और यवन राजाओं की उपाधि सोटर त्रातर का रूप लेकर हमारे राजाओं के यहाँ आने लगी।
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आजकल दो करीब से संबंधित उपचार उपलब्ध हैं, निकेटर अमेरिकैनस, जिसे आम तौर पर हुकवर्म कहा जाता है या त्रिचुरिस सुइस के अंडे, जिन्हें आम तौर पर पिग व्हिपवर्म अंडे कहा जाता है.
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चन्द्रगुप्त ने पश् चिमोत्तर भारत के यूनानी शासक सेल्यूकस निकेटर को पराजित कर एरिया (हेरात), अराकोसिया (कंधार), जेड्रोसिया पेरोपेनिसडाई (काबुल) के भू-भाग को अधिकृत कर विशाल भारतीय साम्राज्य की स्थापना की ।