| 11. | भावार्थ:-सुख के निधान दोनों भाई जाकर नगर देख आओ।
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| 12. | करुना निधान नाथ! अबके तो टारो दे ||
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| 13. | प्रभ की प्रीति भए सगल निधान ॥
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| 14. | पोषक प्रलय उत्पत्ति गति आधार मित्र निधान हूँ.
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| 15. | हनुमान एक ऐसे चरित्र हैं जो सर्वगुण निधान हैं।
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| 16. | हनुमान एक ऐसे चरित्र हैं जो सर्वगुण निधान हैं।
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| 17. | जब ते कुँवर कान्ह रावरी कला निधान
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| 18. | सील सनमान बुद्धि विद्या को निधान ब्रह्म,
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| 19. | द्वारा, उपद्रव पुनः उदगातृ द्वारा आ निधान तीनू
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| 20. | हनुमान एक ऐसे चरित्र हैं जो सर्वगुण निधान हैं।
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