मार्क्सवाद का भौतिक संघर्ष और निरीश्वरवाद पंत जैसे कोमलप्राण व्यक्ति का परितोष नहीं कर सकते थे।
12.
पूर्व मीमांसा की स्थापना करते हुए जैमिनी ने निरीश्वरवाद, बहुदेववाद तथा कर्मकांड का योग प्रस्तुत किया।
13.
वह यह भी तो कहता ही है कि वर्गसंघर्ष के आधार पर ही निरीश्वरवाद का प्रचार करना होगा।
14.
महात्मा बुद्ध ने राजसी वैभव की निस्सारता का अनुभव किया तथा बोधिसत्त्व प्राप्त करके उन्होंने निरीश्वरवाद की स्थापना की।
15.
महात्मा बुद्ध ने राजसी वैभव की निस्सारता का अनुभव किया तथा बोधिसत्त्व प्राप्त करके उन्होंने निरीश्वरवाद की स्थापना की।
16.
राय के दर्शन में भौतिकवाद, निरीश्वरवाद, व्यक्ति की स्वतंत्रता, लोकतंत्र, अंतर्राष्ट्रीयता और मानवतावाद का विशेष महत्त्व है।
17.
उसका कृतित्व आस्था और अनास्था के समग्र आयामों को छूता है जिसके अन्तर्गत प्रत्यक्षवाद, निरीश्वरवाद, आधिभौतिकवाद, समाजवाद-सभी कुछ आ जाते हैं।
18.
आधार आलेख में फुले और पेरियार की जाति-विरोधी धाराओं का भी आलोचनात्मक विश्लेषण रखा गया और बताया गया कि पेरियार का जाति-विरोध निरीश्वरवाद और तर्कवाद की ज़मीन पर खड़ा था।
19.
अतः निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि सांख्य निरीश्वरवाद का उपदेश नहीं करता है, प्रत्यक्ष इश्वर के अस्तित्व का ही प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष भाव से प्रतिपादन करता है |
20.
अतः निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि सांख्य निरीश्वरवाद का उपदेश नहीं करता है, प्रत्यक्ष इश्वर के अस्तित्व का ही प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष भाव से प्रतिपादन करता है |