अपने इसी आलेख में गांधीजी आगे फरमाते हैं कि मंत्रियों और कांग्रेस के टिकट पर चुने गए विधान-सभा के सदस्यों को अपने कर्त्तव्य के पालन में निर्भय होना चाहिए।
12.
1. निरोग रहना, ऋणी न होना, विदेश में रहना, अच्छे लोगों के साथ मेल होना, अपनी वृत्ति से जीविका चलाना और निर्भय होना ये किसी मनुष्य के लिए लिये इस लोक में छह सुख हैं।