सप्तम भावाधिपति मंगल अतिवक्र होकर अष् टमभाव में स्थित था, ऐसी स्थिति में लड़की पूरी युवावस्था यानि 24 वर्ष से 48 वर्ष तक पति के सुख में कमी और घर-गृहस् थी में बाधा महसूस कर सकती थी, यह सोंचकर मैने उस लड़की को नौकरी कर अपने पैरों पर खड़े होने की सलाह दी, लेकिन अभिभावक तो लड़की की शादी करके ही निश्चिंत होना चाहते हैं, उन्होनें दूसरे ज्योतिषी से संपर्क किया, जिसने अच्छी तरह कुंडली मिलवाकर अच् छे मुहूर्त में उसका विवाह करवा दिया।