जहाँ तक इस बात की आशंका है-आपका कहना सही है की वो भी इसी समाज से आयेगा और गलत हो सकता है पर यह सोच कर निष्क्रिय होना भी ठीक नहीं.
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हृदय रोग, मानसिक समस्याओं, हड्डियों की समस्याओं, सिरदर्द, त्वचा की चमक का गायब हो जाना, पाचन क्रिया का निष्क्रिय होना, यह सभी रोगों का पुख्ता इलाज करता है।
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इसी प्रकार इस चक्र के कमजोर होने पर मानसिक एवं भावनात्मक परेशानियां भी उत्पन्न हो जाती हैं, जैसे कि शराब की लत लगना, अकेलापन, भावनात्मक कष्ट तथा अस्थिरता का भाव जागृत होना, भय, लालसा, विश्वास जैसी भावना का समाप्त होना, सृजनता कि कमी, आलस्य, निष्क्रिय होना, कामुक्ता की कमी, अकेलापन जैसे भाव बली होने लगते हैं.
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इसके अलावा समय पर खाना ना खा पाना, बहुत अधिक जंकफूड का सेवन करना, वजन ज्यादा होना, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित न होना, बहुत अधिक मीठा खाना, नियमित रूप से बाहर का खाना, पानी बहुत कम पीना, व्यायाम ना करना, शारीरिक रूप से निष्क्रिय होना, खाने के बाद तुरंत सो जाने आदि से भी डायबिटीज की आशंका बढ़ जाती है।