[4] ग्यूफ्रीडा भारत और फ़ारस की खाड़ी के बीच नीग्रिटो लोगों की उपस्थिति ऐतिहासिक काल के पूर्व मानते हैं।
12.
इसके विपरीत, ग्यूफ्रीडा रूजीरी का विचार है कि दक्षिण भारत की जनजातियों में पाये जाने वाले नीग्रिटो आज भी विद्यमान हैं।
13.
(1) नीग्रिटो-नीग्रिटो के अंतर्गत दक्षिणी भारतीय वनों में रहने वाली कुछ जनजातियाँ और अण्डमान द्वीपसमूह की ओंग जनजाति।
14.
(1) नीग्रिटो-नीग्रिटो के अंतर्गत दक्षिणी भारतीय वनों में रहने वाली कुछ जनजातियाँ और अण्डमान द्वीपसमूह की ओंग जनजाति।
15.
वास्तविक नीग्रिटो प्रजाति फिलीपीन, न्यूगिनि, अण्डमान द्वीप और मलेशिया प्राय: द्वीप के सेमांग और सकाई लोगों के रूप में मिलती है।
16.
प्रजातीय दृष्टि से इन समूहों में नीग्रिटो, प्रोटो-आस्ट्रेलायड और मंगोलायड तत्व मुख्यत: पाए जाते हैं, यद्यपि कतिपय नृतत्ववेत्ताओं ने नीग्रिटो तत्व के संबंध में शंकाएँ उपस्थित की हैं।
17.
प्रजातीय दृष्टि से इन समूहों में नीग्रिटो, प्रोटो-आस्ट्रेलायड और मंगोलायड तत्व मुख्यत: पाए जाते हैं, यद्यपि कतिपय नृतत्ववेत्ताओं ने नीग्रिटो तत्व के संबंध में शंकाएँ उपस्थित की हैं।
18.
प्रजातीय दृष्टि से इन समूहों में नीग्रिटो, प्रोटो-आस्ट्रेलायड और मंगोलायड तत्व मुख्यत: पाए जाते हैं, यद्यपि कतिपय नृतत्ववेत्ताओं ने नीग्रिटो तत्व के संबंध में शंकाएँ उपस्थित की हैं।
19.
प्रजातीय दृष्टि से इन समूहों में नीग्रिटो, प्रोटो-आस्ट्रेलायड और मंगोलायड तत्व मुख्यत: पाए जाते हैं, यद्यपि कतिपय नृतत्ववेत्ताओं ने नीग्रिटो तत्व के संबंध में शंकाएँ उपस्थित की हैं।
20.
इस मत को हैडन ने भी स्वीकार किया है कि यद्यपि दक्षिण में नीग्रिटो प्रजाति होने की शंका की जाति है, किन्तु इसकी वास्तविक सत्यता अभी ज्ञात नहीं है।