| 11. | ५. २ नीम छाल में लाल रंग का एक रंजक पदार्थ पाया जाता है, जो सिल्क धागों को रंगने के काम में आता है।
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| 12. | सम्भोग के तुरन्त बाद नीम पत्तों या नीम छाल के उबले जल से योनि मार्ग को धो देने से भी शुक्राणु नष्ट होते हैं।
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| 13. | गुजरात के बड़ौदा में प्रसूता को नीम छाल का काढ़ा एवं नीम तेल पिलाया जाता है, इससे भी स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
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| 14. | गुजरात के बड़ौदा में प्रसूता को नीम छाल का काढ़ा एवं नीम तेल पिलाया जाता है, इससे भी स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
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| 15. | ३. २ श्वेत प्रदर में नीम की पत्तियों के क्वाथ से योनिद्वार को धोना और नीम छाल को जलाकर उसका धुआं लगाना लाभदायक माना गया है।
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| 16. | गुजरात के बड़ौदा में प्रसूता को नीम छाल का काढ़ा एवं नीम तेल पिलाया जाता है, इससे भी स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
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| 17. | ३. २ श्वेत प्रदर में नीम की पत्तियों के क्वाथ से योनिद्वार को धोना और नीम छाल को जलाकर उसका धुआं लगाना लाभदायक माना गया है।
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| 18. | इसके विपरीत अफ्रीकी देश गाम्बिया और घाना की औरतें गर्भपात रोकने के लिए गर्भधारण से दो-तीन महीने आगे तक नीम छाल का काढ़ा पीती हैं।
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| 19. | ३. २ श्वेत प्रदर में नीम की पत्तियों के क्वाथ से योनिद्वार को धोना और नीम छाल को जलाकर उसका धुआं लगाना लाभदायक माना गया है।
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| 20. | एक अन्य वैद्य के अनुसार नीम छाल २ तोला सोंठ, ४ माशा एवं गुण २ तोला मिलाकर उसका काढ़ा बनाकर देने से मासिक धर्म की गड़बड़ी ठीक होती है।
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