धीरे-धीरे अंतरात्मा का रस आ रहा है | नीरस व्यक्ति ही अपराधी होता है | नीरस व्यक्ति क्रिमिनल होता है | जिसको अंतरात्मा का रस आया वो क्रिमिनल नही बन सकता | ॐ......
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धीरे-धीरे अंतरात्मा का रस आ रहा है | नीरस व्यक्ति ही अपराधी होता है | नीरस व्यक्ति क्रिमिनल होता है | जिसको अंतरात्मा का रस आया वो क्रिमिनल नही बन सकता | ॐ......
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लेखक ने बड़ी ही कुशलता से दर्शाया है की नीरस व्यक्ति के जीवन में भी एक ध्येय हो तो वो उसे पाने की कोशिश करता है और सफलता मिलने पर उसे एक परम सुख की प्राप्ति होती है और हम सब के जीवन में भी ऐसे ही कई मौके आते है जब हमारी खुशी की कोई सीमा नही होती, और वो खुशी हमसे छीन ली जाए तो जीवन में एक शुन्य रह जाता है।