आसमां की अरुणाई का नील रंग मेरे अश्क को तुममे संजोया है विलग कैसे हो सकता भला एक अंग जब दो रूहों ने साथ साथ साँसें बटोरा है ।
12.
हाथ करघे तथा अन्य बुनकरों के व्यवसाय, मंदी भुगतने लगे थे तमाकू, सिगरेट बनाने के लिए निर्यात हो रहा था और नील रंग की खपत बढ़ रही थी.
13.
मन्द ताप में मन्द शीतलता में मन्द नील रंग में मन्दिम मनस लिए तू चलती है तो धरती के ऊपरी तल पर मन्द-मन्द बून्दे बरसने लगती हैं दोस्त! कठोर मन वाले नहीं बल्कि कोमल मन वाले ही लम्बी आयु जीते हैं
14.
जाने किस अनुराग पगीं उसकी रतनारी आँखें, किस पीड़ा के नील रंग में रंगी हुई हैं पांखें,उसके गहरे प्रेमराग को बूझ न झांसी की रानी 'सुभद्राकुमारी चौहान' सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी,गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी।
15.
कूर्म पुराण [379] का कथन हे कि किसी अंगहीन, पतित, कोढ़ी, पूयव्रण (पके हुए घाव) से ग्रस्त, नास्तिक, मुर्गा, सूअर, कुत्ता आदि को श्राद्ध से दूर रखना चाहिए ; घृणास्पर रूप वाले, अपवित्र, वस्त्रहीन, पागल, जुआरी, रजस्वला, नील रंग या पीत-लोहित वस्त्र धारण करने वालों एवं नास्तिकों को श्राद्ध से दूर रखना चाहिए।