| 11. | पिता नैव मे नैव माता न जन्म।
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| 12. | संत: परिक्ष्यंतरद भजंते मुढ़ पर प्रत्यय नैव बुद्धि: ।
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| 13. | गते शोको न कत्र्तव्यो भविष्यं नैव चिन्तयेत्।
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| 14. | पापं कृत्वा दुर्गतिं यान्ति, मिढास्तस्मान्मद्यं नैवपेयं नैव पेयम्।।
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| 15. | ↑ नैव ऋत्विङ् न चाचार्यो न राजा मधुसूदन: ।
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| 16. | स कृत्वा राजसं त्यागं नैव त्यागफलं लभेत् ॥१८-८॥
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| 17. | गीतायाः पठनं कृत्वा माहात्म्यं नैव यः पठेत्।
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| 18. | दैंवे कर्मणि पित्रये च ब्राह्मणो नैव लभ्यते।
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| 19. | सूच्याग्रं नैव दास्यामि बिना युद्धेन केशव ।
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| 20. | निवृत्तिं नैव लप्स्यन्ति देवी सेवां बिना नरा: ।।
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