| 11. | उपभोक्तावाद और बाज़ारवाद के चलते हमारा न्यायवाक्य हो गया है जो बिके वही ठीक।
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| 12. | उस समय के प्रमुख राष्ट्रहित चिन्तक देवर्षि नारद को पंचाव्यवयुक्त न्यायवाक्य का ज्ञाता कहा गया है।
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| 13. | दूसरे, ऐसी अनेक अनुमितियाँ होती हैं, जो न्यायवाक्य के रूप में प्रकट नहीं की जा सकती।
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| 14. | दूसरे, ऐसी अनेक अनुमितियाँ होती हैं, जो न्यायवाक्य के रूप में प्रकट नहीं की जा सकती।
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| 15. | फलत: न्यायवाक्य में एक ही विषय में सभी प्रमाणों की सामर्थ्य का प्रदर्शन होता है।
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| 16. | उस समय के प्रमुख राष्ट्रहित चिन्तक देवर्षि नारद को पंचाव्यवयुक्त न्यायवाक्य का ज्ञाता कहा गया है।
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| 17. | दूसरे, ऐसी अनेक अनुमितियाँ होती हैं, जो न्यायवाक्य के रूप में प्रकट नहीं की जा सकती।
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| 18. | वे बुद्धिवादी तर्कशास्त्र की कड़ी आलोचना करते हैं और उनके न्यायवाक्य (Syllogism) आदि सिद्धांतों को दूषित ठहराते हैं।
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| 19. | अनुमान के बोधक न्यायवाक्य में पाँच वाक्य होते हैं जो क्रमशः प्रतिज्ञा, हेतु, उदाहरण, उपनय तथा निगमन कहलाते हैं।
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| 20. | अनुमान के बोधक न्यायवाक्य में पाँच वाक्य होते हैं जो क्रमशः प्रतिज्ञा, हेतु, उदाहरण, उपनय तथा निगमन कहलाते हैं।
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